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Last Updated : 28-11-2022

पॉलिटेक्निक्स

पॉलिटेक्निक्स योजना

मंत्रिमण्डल सचिवालय पत्र सं. 14.03.2017pdfडाउनलोड

“कौशल विकास हेतु समन्वित कार्रवाई के अंतर्गत पॉलिटेक्निक पर उप-मिशन” के तहत पॉलिटेक्निकों के निम्नलिखित चार घटक मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के उच्चतर शिक्षा विभाग से 2017 में कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) को तथा सितम्बर, 2018 को प्रशिक्षण महानिदेशालय को हस्तान्तरित कर दिए गए हैं।

एमएचआरडी से एमएसडीई को योजना हस्तान्तरित किए जाने संबंधी पत्र दिनांक 05 जुलाई, 2017pdfडाउनलोड

एमएसडीई से डीजीटी को योजना हस्तान्तरित किए जाने संबंधी पत्र दि. 05 सितम्बर 2018pdfडाउनलोड

1. असेवित तथा अल्पसेवित जिलों में नए पॉलिटेक्निकों की स्थापना

इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा असेवित तथा अल्पसेवित जिलों में भारत सरकार की सहायता से, जो पॉलिटेक्निक स्थापना की पूंजीगत लागतें पूरी करने हेतु प्रति पॉलिटेक्निक 12.5 करोड़ रुपए तक सीमित थी, 300 नए पॉलिटेक्निक स्थापित किए जा रहे हैं।

केंद्रीय सरकार अनावर्ती लागतों की पूर्ति हेतु निम्न अनुदान प्रदान करती हैः

i.सिविल निर्माण कार्य = 8.00 करोड़ रुपए
ii.उपस्कर/मशीनरी/लाइब्रेरी पुस्तकें/फर्नीचर/वाहन = 4.30 करोड़ रुपए
कुल (प्रति पॉलिटेक्निक) = 12.30 करोड़ रुपए

जहां पॉलिटेक्निक की स्थापना के लिए राज्य सरकार एआईसीटीई मानदंडों के अनुरूप अपेक्षित भूमि निःशुल्क प्रदान करेगी वहीं राज्य सरकार 12.30 करोड़ रुपए की सीमा से अधिक के अनावर्ती खर्च की अतिरिक्त मांग की भी पूर्ति करेगी। इसके अलावा पॉलिटेक्निक चलाने के लिए सारे आवर्ती खर्च को वहन करने की भी राज्य सरकार की जिम्मेदारी होगी। राज्य सरकार चुनिंदा जिलों में इस योजना के अंतर्गत प्रस्तावित पॉलिटेक्निकों के लिए स्थान की भी पहचान करेगी।

‘नये पॉलिटेक्निकों की स्थापना’ उपघटक के लिए दिशानिर्देश pdfडाउनलोड

2. चुनिंदा पॉलिटेक्निकों में महिला छात्रावासों के निर्माण हेतु केंद्रीय सहायता

पॉलिटेक्निक शिक्षा में महिला प्रवेश बढ़ाने के दृष्टिकोण से चुनिंदा पॉलिटेक्निकों में महिला छात्रावासों के निर्माण की योजना 11वीं योजना में शुरू की गयी थी। इस योजना में मौजूदा एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित सरकारी/सरकार से सहायता-प्राप्त 500 पॉलिटेक्निकों को महिला छात्रावासों के निर्माण के लिए प्रत्येक पॉलिटेक्निक हेतु अधिकतम 1.00 करोड़ रुपए तक की वित्तीय सहायता की परिकल्पना की गयी है।

3. चुनिंदा पॉलिटेक्निकों के उन्नयन के लिए केन्द्रीय सहायता

इस योजना के अंतर्गत मौजूदा 500 डिप्लोमा स्तरीय लोक निधि पोषित पॉलिटेक्निकों में (i) पूराने अनुपयुक्त उपस्करों के बदलाव तथा आधुनिक उपस्करों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करके (ii) शिक्षण, पठन तथा परीक्षण प्रक्रिया में आईटी के प्रयोग के लिए आधुनिक सुविधाएं जुटाकर (iii) नये डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करके अवसंरचनात्मक सुविधाओं के उन्नयन हेतु भारत सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना में 500 पॉलिटेक्निकों के लिए प्रति पॉलिटेक्निक 2.00 करोड़ रुपए तक की केन्द्रीय सहायता का प्रावधान है।

4. पॉलिटेक्निकों के माध्यम से सामुदायिक विकास की योजना (सीडीटीपी)

सीडीटीपी योजना में, समाज के विभिन्न वर्गों को विशेषतः ग्रामीण, असंगठित तथा समाज के वंचित वर्गों के लिए एआईसीटीई स्वीकृत पॉलिटेक्निकों के माध्यम से गैर-औपचारिक, अल्पकालिक, रोजगार उन्मुख कौशल विकास कार्यक्रम प्रदान करने की परिकल्पना की गयी है ताकि वे लाभकारी स्व/वेतन रोजगार प्रदान करने में समर्थ हो सकें। प्रशिक्षण अवधि सामान्यतः तीन से छह महिने तक की होती है। ये पाठ्यक्रम पॉलिटेक्निकों द्वारा अपने परिसरों में एवं निकटवर्ती स्थानों पर बनाए गए विस्तार केन्द्रों के माध्यम से प्रस्तुत किए जा रहे हैं जहां से इन पाठ्यक्रमों में स्थानीय समुदाय को प्रशिक्षित किया जा सकता है। इस योजना के अंतर्गतप्रशिक्षणार्थियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता तथा प्रशिक्षणार्थियों के लिए आयु सीमा और अर्हता नहीं रखी गयी है।

केन्द्र सरकार प्रति वर्ष प्रति पॉलिटेक्निक 17.00 लाख रुपए तक का आवर्ती अनुदान प्रदान करती है।

“सीडीटीपी”उप-घटक के लिए दिशानिर्देशpdfडाउनलोड

सीडीटीपी योजना के अंतर्गत पॉलिटेक्निकों की राज्यवार सूचीpdfडाउनलोड

पॉलिटेक्निक स्कीम के अंतर्गत राज्यों की वित्तीय स्थिति pdfडाउनलोड