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Last Updated : 25-11-2022

शिल्‍पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस)

शिल्पकार प्रशिक्षण स्कीम (सीटीएस) भारत सरकार द्वारा वर्ष 1950 में घरेलू उद्योग के लिए विभिन्न ट्रेडों में कुशल श्रमिकों के एक स्थिर प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए, व्यवस्थित प्रशिक्षण द्वारा औद्योगिक उत्पादन को मात्रात्मक और गुणात्मक रूप से बढ़ाने, शिक्षित युवाओं को रोजगार योग्य कौशल प्रदान करके बेरोजगारी को कम करने, युवा पीढ़ी के मन में एक तकनीकी और औद्योगिक दृष्टिकोण को विकसित करने और पोषित करने के लिए शुरू की गई थी। यह स्कीम व्यावसायिक प्रशिक्षण के क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण होने के कारण देश के विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में फैले आईटीआई के विशाल नेटवर्क के माध्यम से मौजूदा और भविष्य की जनशक्ति की जरूरतों को पूरा करने के लिए शिल्पकारों को आकार दे रही है। शिल्पकार प्रशिक्षण स्कीम के अंतर्गत आई.टी.आई. का दैनिक प्रशासन वर्ष 1956 से राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों को हस्तांतरित कर दिया गया। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का वित्तीय नियंत्रण भी 1 अप्रैल, 1969 से संबंधित राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों को हस्तांतरित कर दिया गया था। उन्हें तत्कालीन योजना आयोग और वित्त मंत्रालय के परामर्श से थोक अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती थी।

व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र और राज्य दोनों सरकारों का एक समवर्ती विषय है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण स्कीमों का विकास, नीति का क्रमिक विकास, प्रशिक्षण मानक का निर्धारण, मानदंडों, परीक्षाओं का आयोजन, प्रमाणन आदि केंद्र सरकार का उत्तरदायित्व है, जबकि आईटीआई में प्रवेश सहित दिन-प्रतिदिन का प्रशासन का दायित्व संबंधित राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों का होता है।

देश में आईटीआई का विकास

उद्योग को कुशल जनशक्ति प्रदान करने के मामले में आईटीआई देश के सकल घरेलू उत्पाद के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। देश के औद्योगिक विकास के लिए कुशल जनशक्ति की आवश्यकता को पूरा करने के लिए शिल्पकार प्रशिक्षण स्कीम (सीटीएस) 1950 में विभिन्न व्यावसायिक ट्रेडों में कौशल प्रदान करने के लिए लगभग 50 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) की स्थापना करके शुरू की गई थी। कई नए निजी आईटीआई 1980 के दशक में दक्षिणी राज्यों में ज्यादातर केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में स्थापित किए गए, जहां से प्रशिक्षित कारीगरों को खाड़ी देशों में रोजगार मिला।

Craftsmen Training Scheme

 

150 एनएसक्यूएफ अनुपालन ट्रेडों में उद्योग को कुशल कार्यबल प्रदान करने के उद्देश्य से वर्तमान में, 26.58 लाख कुल बैठने की क्षमता (1 वर्ष और 2 वर्ष की अवधि के ट्रेडों में) के साथ पूरे देश में स्थित 14930 आईटीआई (सरकारी 3227 + निजी 11702) के नेटवर्क के माध्यम से शिल्पकार प्रशिक्षण स्कीम के तहत एनसीवीटीएमआईएस पोर्टल पर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पेश किए जा रहे हैं।

अधिक जानकारी के लिए कृपया देखें https://dgt.gov.in/CTS