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Last Updated : 02-12-2022

आईटीआई के उन्नयन के लिए स्कीमें

निम्नलिखित स्कीमों के माध्यम से आईटीआई के उन्नयन द्वारा आईटीआई के बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण किया गया है:

क. 400 सरकारी आईटीआई का उन्नयन – वाह्य सहायता प्राप्त परियोजना (ईएपी) - विश्व बैंक सहायता प्राप्त व्यावसायिक प्रशिक्षण सुधार परियोजना (वीटीआईपी):

व्यावसायिक प्रशिक्षण सुधार परियोजना (वीटीआईपी) में 400 सरकारी आईटीआई के उन्नयन की परिकल्पना की गई है। इस परियोजना के अंतर्गत 34 राज्य सरकारें/संघ राज्य क्षेत्र भाग ले रहे हैं। आईटीआई द्वारा निर्दिष्ट औद्योगिक क्षेत्र के अनुसार पर उन्नयन के लिए आईटीआई को लगभग 2 से 3.5 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। इस स्कीम के उद्देश्य में आईटीआई प्रशिक्षकों के ज्ञान और कौशल में वृद्धि, 14 केंद्रीय संस्थानों में सुविधाओं को सुदृढ़ करना, पाठ्यक्रम विकास, क्षमता निर्माण आदि को सुदृढ़ करना, शामिल हैं।

इस परियोजना के अंतर्गत शुरू किए गए प्रमुख संस्थागत सुधारों में उद्योग से एक अध्यक्ष के साथ आईटीआई स्तर पर संस्थान प्रबंधन समिति (आईएमसी) का गठन है। भौतिक घटक में नई कक्षाओं और कार्यशालाओं की स्थापना, प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण, साधनों, उपकरणों, मशीनरी का आधुनिकीकरण और अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करना शामिल हैं।

यह परियोजना दिसंबर, 2007 में शुरू हुई और सितंबर, 2018 में बंद हो गई। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों और केंद्रीय वित्त-पोषित संस्थानों को 1812 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गई है, जिसमें से अब तक लगभग 1754 करोड़ रुपए का उपयोग किया जा चुका है।

ख. पीपीपी के माध्यम से 1396 सरकारी आईटीआई का उन्नयन

पीपीपी के माध्यम से 1396 सरकारी आईटीआई के उन्नयन की स्कीम के अंतर्गत, 1227 सरकारी आईटीआई को शामिल किया गया है और इस स्कीम के अंतर्गत शामिल किए गए प्रत्येक आईटीआई के साथ एक उद्योग भागीदार (आईपी) जुड़ा हुआ है। संस्थान प्रबंधन समिति (आईएमसी) जो एक संस्था के रूप में पंजीकृत है, प्रत्येक आईटीआई में गठित की गई है और उद्योग भागीदार के अध्यक्षता में है। केंद्र सरकार द्वारा आईटीआई की आईएमसी संस्था को प्रति आईटीआई 2.50 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण सीधे जारी किया गया। आईएमसी संस्था को वित्तीय और शैक्षणिक स्वायत्तता दी गई है। ब्याज मुक्त ऋण आईएमसी द्वारा 10 वर्ष की अधिस्थगन अवधि के साथ और उसके बाद 20 वर्ष की अवधि में समान वार्षिक किस्तों में चुकाया जा सकता है। इस स्कीम के अंतर्गत 31 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को शामिल किया गया है और ग्यारहवीं योजना अवधि के दौरान पूरे देश में 1227 सरकारी आईटीआई को 3067.50 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। ऑनलाइन पोर्टल "bharatkosh.gov.in" के माध्यम से भारत सरकार को ब्याज मुक्त ऋण की अदायगी के लिए डीजीटी द्वारा सभी राज्य सरकारों को पत्र जारी किया गया है।


अधिक जानकारी के लिए कृपया देखें। https://dgt.gov.in/Upgradation_ITIs

मौजूदा सरकारी आईटीआई को आदर्श आईटीआई में उन्नयन करना

इस स्कीम के अंतर्गत, एक राज्य में एक मौजूदा आईटीआई को आदर्श आईटीआई के रूप में उन्नयन किया जा रहा है, जिसे निम्नलिखित सर्वोत्तम पद्धतियों, कुशल और उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण वितरण और सतत और प्रभावी उद्योग संबंधों को प्रदर्शित करने वाली संस्था के रूप में विकसित किया जाएगा:

  • प्रशिक्षण में अपनी विशेषज्ञता और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए स्थानीय उद्योगों के लिए एक मांग केंद्र बनाना।
  • स्थानीय उद्योगों के साथ बेहतर संबद्धता
  • उद्योग की विशिष्ट कौशल आवश्यकता को पूरा करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने हेतु उद्योग के साथ फ्लेक्सी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना। ऐसे अनुमोदित पाठ्यक्रमों के लिए एनसीवीटी द्वारा परीक्षा/आकलन और प्रमाणन किया जाएगा
  • असंगठित क्षेत्र के कामगारों का प्रशिक्षण
  • मौजूदा औद्योगिक कार्यबल का प्रशिक्षण

उद्योग से अध्यक्ष के साथ प्रत्येक आईटीआई के लिए संस्थान प्रबंधन समिति (आईएमसी) संस्था का गठन किया जाना है। आईएमसी में उद्योग के प्रतिनिधियों द्वारा सभी प्रमुख ट्रेडों को शामिल किया जाना है। इसके कुशल काम-काज के लिए आईएमसी को सशक्त बनाया जाना है।

31, मार्च 2022 तक कार्यान्वयन की अवधि के साथ 300 करोड़ रुपए की कुल लागत के लिए इस स्कीम को दिसंबर 2014 में मंजूरी दी गई थी, लेकिन अब इस स्कीम को 238.08 करोड़ रुपए की लागत के साथ 31, मार्च 2024 तक बढ़ा दिया गया था।

अब तक 29 राज्यों में 35 आईटीआई चिन्हित की जा चुकी है।


कृपया अधिक जानकारी के लिए देखें। https://dgt.gov.in/MODEL_ITI