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Last Updated : 24-11-2022

प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी)

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय में प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) महिला व्यावसायिक प्रशिक्षण सहित व्यावसायिक प्रशिक्षण से संबंधित कार्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विकास और समन्वय के लिए शीर्ष संगठन है। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान राज्य सरकारों या संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासनिक और वित्तीय नियंत्रण में हैं। डीजीटी अपने प्रत्यक्ष नियंत्रण में क्षेत्रीय संस्थानों के माध्यम से कुछ विशिष्ट क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण स्कीम भी संचालित करता है। राष्ट्रीय स्तर पर इन कार्यक्रमों का विकास, विशेष रूप से सामान्य नीतियों, सामान्य मानकों और प्रक्रियाओं, प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण और व्यापार परीक्षण से संबंधित क्षेत्र में डीजीटी की जिम्मेदारी है। लेकिन, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का दैनिक प्रशासन राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र के प्रशासन के पास है।

प्रशिक्षण महानिदेशालय इस तकनीकी युग में देश भर के युवाओं को साथ लेकर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा है और साथ ही साथ उनके डिजिटल कौशल और उद्योग की तैयारी सुनिश्चित कर रहा है।

प्रशिक्षण महानिदेशालय के प्रमुख कार्य हैं:

  • व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए समग्र नीतियों, मानदंडों और मानकों को तैयार करना;
  • शिल्पकारों और शिल्प प्रशिक्षक प्रशिक्षण के संदर्भ में प्रशिक्षण सुविधाओं में विविधता, अद्यतन और विस्तार करना;
  • विशेष रूप से स्थापित प्रशिक्षण संस्थानों में विशेष प्रशिक्षण और अनुसंधान का आयोजन और संचालन करना;
  • शिक्षुता अधिनियम, 1961 के तहत शिक्षुओं के प्रशिक्षण को लागू करना, विनियमित करना और दायरे को बढ़ाना;
  • महिलाओं के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना;
  • व्यावसायिक मार्गदर्शन और रोजगार परामर्श प्रदान करना; और
  • अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों और दिव्यांग व्यक्तियों को मजदूरी रोजगार और स्वरोजगार के लिए उनकी क्षमताओं को बढ़ाकर सहायता करना।

कुशल कारीगरों के प्रशिक्षण के लिए शिल्पकार प्रशिक्षण स्‍कीम (सीटीएस) सरकार और निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) जो राज्य सरकारों या संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन के प्रशासनिक और वित्तीय नियंत्रण में हैं, के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है। इन प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की अवधि 6 महीने से 2 वर्ष की अवधि के लिए अलग-अलग होती है, 150 ट्रेडों में एनएसक्यूएफ अनुपालन पाठ्यक्रम जिसमें 82 इंजीनियरिंग ट्रेड, गैर-इंजीनियरिंग क्षेत्र में 63 ट्रेड और विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी)/दिव्यांगजन के लिए 05 पाठ्यक्रम शामिल हैं। वर्तमान में, 23.15 लाख व्यक्ति 14,930 आईटीआई (सरकारी और निजी दोनों) में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।

शिक्षुता प्रशिक्षण स्‍कीम (एटीएस) के माध्यम से कार्यस्थल प्रशिक्षण के रूप में आईटीआई प्रशिक्षण के दौरान सीखे गए कौशल के पूरक का प्रावधान भी उपलब्ध है। साथ ही, इस स्कीम के प्रमुख उद्देश्यों में से एक उद्योग में उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं का इष्टतम उपयोग है, जहां शिक्षुता प्रशिक्षण वास्तव में होता है, इसलिए उद्योग के लिए कुशल जनशक्ति की आवश्यकता को पूरा करता है।

शिल्प प्रशिक्षक प्रशिक्षण स्कीम (सीआईटीएस) के तहत व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षक बनने के इच्छुक लोगों को कौशल और प्रशिक्षण पद्धति दोनों में एक व्यापक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। यह विचार शिल्प प्रशिक्षकों की कौशल और दक्षताओं को विकसित करना और उन्हें अपने छात्रों को व्यावहारिक कौशल स्थानांतरित करने की तकनीकों से परिचित कराना है। यह स्कीम देश भर में 33 स्थानों पर स्थित राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है।

ये उन्नत व्यावसायिक प्रशिक्षण स्‍कीम (एवीटीएस) के तहत, औद्योगिक प्रतिष्ठानों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप अल्‍पावधि, विशेष और अनुकूल पाठ्यक्रम भी संचालित करते हैं, जो औद्योगिक श्रमिकों के कौशल को उन्नत करने के लिए पेश किए जाते हैं।

चूंकि डीजीटी इस तकनीकी युग में देश भर के युवाओं को साथ लेकर चलने का प्रयास कर रहा है, अतः इसने आईटीआई इकोसिस्‍टम में 23.15 लाख शिक्षुओं को उनके पाठ्यक्रम के अनिवार्य घटक के रूप में 'रोजगारयोग्य कौशल' बनाकर डिजिटल कौशल और उद्योग की तैयारी सुनिश्चित की है।

डीजीटी अपने बुनियादी ढांचे, शिक्षा-शास्त्र, पाठ्यक्रम और प्रौद्योगिकी सहयोगों के संदर्भ में आईटीआई के निरंतर उन्नयन और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में है। तदनुसार, आईओटी, नवीकरणीय ऊर्जा, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी (3-डी प्रिंटिंग), मेक्ट्रोनिक्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी, आदि में नए जमाने के पाठ्यक्रम हाल ही में आईटीआई में शुरू किए गए हैं।

इसके अलावा, उद्योग जुड़ाव को सुदृढ़ करने और उद्योग से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से, डीजीटी ने प्रशिक्षण की दोहरी प्रणाली (डीएसटी) मॉडल पेश किया है, जिसमें आईटीआई को प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को अनिवार्य औद्योगिक प्रदर्शन प्रदान करने के लिए कई उद्योग भागीदारों के साथ जुडने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसलिए उनके कौशल प्रशिक्षण का एक हिस्सा उद्योग के माहौल में होता है। पूरी तरह से उद्योग परिसर में विशेष रूप से तैयार, उद्योग प्रासंगिक प्रशिक्षण की पेशकश करने वाले फ्लेक्सी-एमओयू मॉडल को भी अनुरूप कौशल कार्यक्रम बनाने के लिए लचीलापन प्रदान करने के लिए पेश किया गया है।


अधिक जानकारी के लिए कृपया https://dgt.gov.in/About_DGTदेखें।