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माननीय राज्य मंत्री का प्रोफाइल

राजीव चंद्रशेखर (जन्म तिथि 31 मई 1964) कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय के राज्य मंत्री हैं। वह कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से उच्च सदन (राज्यसभा) के भारतीय राजनेता और उद्यमी, टेक्नोक्रेट और सांसद हैं। अहमदाबाद, गुजरात में एयर कमोडोर एम. के. राजीव चंद्रशेखर और श्रीमती वल्ली चंद्रशेखर के घर जन्मे राजीव चंद्रशेखर ने पूरे भारत के विभिन्न स्कूलों में पढ़ाई की और मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उन्होंने शिकागो के इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से 1988 में कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स पूरा किया। उन्हें विनोद धाम ने इंटेल के लिए चुना और उन्होंने 1988 से 1991 तक वहां आर्किटेक्‍चरल संबंधी काम किया। इंटेल में, वह उस टीम का हिस्सा रहे जिसने आई486 प्रोसेसर डिजाइन किया था। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम भी पूरा किया।

भारत लौटने के बाद 1991 में वह बीपीएल ग्रुप का हिस्सा बने। 1994 में राजीव चंद्रशेखर ने बीपीएल मोबाइल की स्थापना की, जो मुंबई जैसे स्थानों पर लाइसेंस के साथ भारत की प्रमुख दूरसंचार कंपनियों में से एक है। जुलाई 2005 में उन्होंने बीपीएल कम्युनिकेशंस में अपनी 64 प्रतिशत हिस्सेदारी एस्सार ग्रुप को 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर में बेची थी। राजीव चंद्रशेखर ने 2005 में जुपिटर कैपिटल की स्थापना की, जिसमें 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रारंभिक निवेश है, और वर्तमान में प्रौद्योगिकी, मीडिया, आतिथ्य और मनोरंजन में 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की निवेश और प्रबंधित संपत्ति है।

अप्रैल 2013 में राजीव चंद्रशेखर को एक उद्यमी के रूप में काम करने के लिए विश्वेश्वरैया टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, बेलगाम द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था।

शैक्षिक योग्यता:

  • बीई (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) - एमआईटी, मणिपाल
  • विशिष्ट पूर्व छात्र अवार्ड, 2013
  • एमएस (कंप्यूटर साइंस) - इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, शिकागो
  • आईआईटी ग्लोबल पूर्व छात्र अवार्ड, 2007 के प्राप्तकर्ता
  • लघु प्रबंधन कार्यक्रम- हार्वर्ड विश्वविद्यालय, बोस्टन, यूएसए
  • विभिन्न अन्य प्रौद्योगिकी कार्यक्रम - स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, इंटेल विश्वविद्यालय
  • डॉक्टर ऑफ साइंस - विश्वेश्वरैया टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी

 

राजीव चंद्रशेखर अप्रैल 2006 से अप्रैल 2018 तक कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य थे। अप्रैल 2018 में, वह भाजपा सदस्य के रूप में तीसरे छह साल के कार्यकाल के लिए कर्नाटक से राज्यसभा के लिए फिर से चुने गए। उन्होंने शासन सुधार, संस्था निर्माण, इंटरनेट की आजादी, राष्ट्रीय सुरक्षा, सशस्त्र बलों के जवानों के कल्याण और बैंगलोर और कर्नाटक के सतत विकास की हिमायत की है।

राजीव चंद्रशेखर संसद में शासन सुधार, प्रौद्योगिकी और अर्थव्यवस्था के मुखर हिमायती हैं। संसद सदस्य के रूप पहले कार्यकाल में वह ऐसे सबसे पहले सदस्य थे जिन्होंने 2जी स्कैम जैसे भ्रष्टाचार के मुद्दे को संसद में उठाया और शासन सुधार से संबंधित मुद्दों पर मुखर रहे हैं। राजीव चंद्रशेखर ने अर्थव्यवस्था और शासन में सुधार, प्रौद्योगिकी और इंटरनेट में सुधार, युवाओं से जुड़े मुद्दों और राष्ट्रीय सुरक्षा और बैंगलूरू शहर की सतत शासन व्यवस्था से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया।

राजीव चंद्रशेखर का राजनीतिक काम शहरी शासन के मुद्दों के साथ बेंगलुरु और बेंगलुरु वासियों के हितों की रक्षा करने, शासन और आर्थिक सुधारों के माध्यम से भारत को बदलने, वयोवृद्ध और सशस्त्र बलों के मुद्दों, बच्चों के हितों की रक्षा आदि पर केंद्रित है। उन मसलों को जिन पर उनका विश्वास है और जिनका वे समर्थन करते है, उन्हें उनके द्वारा संसद में उठाने के अलावा, उन्होंने हस्तक्षेप करने के लिए नागरिकों की ओर से अदालतों से संपर्क किया, जैसे कि अनुच्छेद 66 क, आधार निजता के मुद्दे और सशस्त्र बलों के लिए मताधिकार के मामले आदि। वह एक सक्रिय सांसद हैं और उनका काम और इसके प्रभाव आवधिक रिपोर्ट कार्ड के माध्यम से उपलब्ध हैं। उन्हें डिजिटल इंडिया, इंटरनेट और प्रौद्योगिकी मुद्दों, स्पेक्ट्रम आवंटन, नेट न्यूट्रैलिटी, साइबर स्पेस नीतियों और नियामक मामलों में उपभोक्ता अधिकारों पर सबसे अधिक जानकार और सक्रिय सांसद के रूप में व्यापक रूप से पहचाना जाता है और वे उन मुद्दों को उठाने में बेखौफ हैं जिन्हें उन पर अच्छी तरह से जानकारी करने के बाद समर्थन की जरूरत होती है।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने व्यापक आर्थिक और सूक्ष्म आर्थिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का पुनर्गठन, सार्वजनिक परिसंपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना और अन्य बातों के अलावा विकास को पुनर्जीवित करने के लिए अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में सुधार करना शामिल है।

यह उनका अथक अभियान था और बाद में उनके द्वारा उच्चतम न्यायालय में एक याचिका भी डाली गई थी जिसके कारण सशस्त्र बलों के कर्मियों को 2014 के आम चुनावों में अपनी तैनाती के स्थान पर मतदान करने का अधिकार मिला और सशस्त्र बलों को ई-पोस्टल बैलेट की सुविधा प्रदान करने के लिए आगे चुनाव सुधार हुए। सितंबर 2016 में उड़ी आतंकी हमले के बाद वह भारत के पहले सांसद थे जिन्होंने पाकिस्तान को दिए गए एमएफएन दर्जे को चुनौती दी थी और 18 नवंबर 2016 को राज्यसभा में एक निजी सदस्य विधेयक प्रस्तुत किया था जिसका शीर्षक था-आतंकवाद के प्रायोजक के रूप में देशों की घोषणा, 2016। फरवरी 2016 में, राजीव चंद्रशेखर को जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पश्चिमी कमान, लेफ्टिनेंट जनरल केजे सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम (बार) द्वारा मुख्यालय पश्चिमी कमान, चंडीगढ़ में जीओसी-इन-सी प्रशस्ति पत्र के साथ सशस्त्र बलों, वयोवृद्धों और उनके परिवारों का सहयोग और उनके लिए काम करने के लिए सम्मानित किया गया।

उन्हें भारत में इंटरनेट सेंसरशिप के खिलाफ लड़ने के लिए और डिजिटल स्वतंत्रता को दबाने वाले कानून को चुनौती देने के लिए डिजिटल स्वतंत्रता की श्रेणी में 2013 के लिए ब्रिटेन के प्रतिष्ठित सूचकांक फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन अवार्ड के लिए नामांकित किया गया था।

राजीव चंद्रशेखर की संसदीय यात्रा का संक्षिप्त परिचय:

  • 2006 - शहरी बेंगलुरु, कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्यसभा के लिए चुने गए।
  • 2008-2009 फिक्की-फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सबसे युवा अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
  • 2012 -सर्वसम्मति से राज्यसभा में दूसरे कार्यकाल के लिए पुन: निर्वाचित।
  • दिसंबर 2012 – फलेग्स ऑफ ऑनर फाउंडेशन और डॉ एन के कालिया ने कैप्टन सौरभ कालिया पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में याचिका दायर की
  • 2013–एएसके - नागरिकों को सीधे संसद में अपनी आवाज उठाने के लिए एक अवसर देने के लिए एक ऑनलाइन अभियान प्रारंभ किया।
  • मार्च 2014 -सशस्त्र बलों के मताधिकार के लिए राजीव चंद्रशेखर की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा सशस्त्र बलों को मताधिकार प्रदान करने के साथ जीत हुई।
  • मार्च 2015 - इंटरनेट पर अभिव्यक्ति और भाषण की आजादी के लिए राजीव चंद्रशेखर संघर्ष के परिणामस्वरूप उच्चतम न्यायालय ने सूचना और प्रौद्योगिकी अधिनियम के अनुच्छेद 66 क को निरस्त किया।
  • जुलाई 2015 - राजीव चंद्रशेखर के हस्तक्षेप से कम आयु के लोगों को शराब परोसने वाले आउटलेट्स के खिलाफ कार्रवाई की गई।
  • सितंबर 2015 - वन रैंक वन पेंशन - जिसके लिए राजीव चंद्रशेखर 2006 के बाद से लगातार संघर्ष करते रहे और जिसकी रक्षा मंत्री द्वारा औपचारिक रूप से घोषणा की गई।
  • नवंबर/दिसंबर 2015 - राजीव चंद्रशेखर ने बाल यौन शोषण को समाप्त करने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने का आह्वान किया और बच्चों (एनसीपीओसी) की रक्षा के लिए राष्ट्रीय गठबंधन बनाया।
  • 2018 - कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा के राज्यसभा सांसद के रूप में निर्वाचित।
  • सितंबर 2020 - भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में नियुक्त।
  • फरवरी 2021 - पुडुचेरी चुनाव के सह प्रभारी के रूप में नियुक्त।
  • जुलाई 2021 - कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण किया।